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सराय तरीन वक्फ संशोधन बिल-2024 का मुस्लिम समाज विरोध कर रहा है । जेपीसी ने इस बिल के बारे में लोगों से अपनी अपनी राय मांगी है, जेपीसी को राय भेजने का आज 13 सितंबर को आखिरी दिन था, उपनगरी सराय तरीन मुहल्ला दरबार स्थित जामा मस्जिद के बाहर कुछ नमाज़ियो ने अपने हाथों मे क्यूआरकोड लिया हुआ था,जिसके ज़रिए नमाज़ियो ने वक्फ संशोधन बिल-2024 के विरोध में काफी तादाद में अपनी राय जुम्मे की नमाज़ के बाद भेजकर अपना विरोध दर्ज कराया। विरोध दर्ज कराने में नौजवानो की संख्या ज़्यादा देखने को मिली। आपको बताते चले , दारुल उलूम और जमीयत के दोनों संगठनों ने विरोध जताया है। उलेमा ने बिल को असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और अन्याय पूर्ण बताते हुए भारतीय संविधान में प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया। केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में लाए गए वक्फ संशोधन कानून को भले ही मुस्लिम समाज के रोष को देखते हुए जेपीसी में भेज दिया गया हो , लेकिन अभी तक मुस्लिम समाज का रोष खत्म नहीं हुआ है।

  1. सराय तरीन वक्फ संशोधन बिल-2024 का मुस्लिम समाज विरोध कर रहा है ।सराय तरीन वक्फ संशोधन बिल-2024 का मुस्लिम समाज विरोध कर रहा है ।
    जेपीसी ने इस बिल के बारे में लोगों से अपनी अपनी राय मांगी है, जेपीसी को राय भेजने का आज 13 सितंबर को आखिरी दिन था,
    उपनगरी सराय तरीन मुहल्ला दरबार स्थित जामा मस्जिद के बाहर कुछ नमाज़ियो ने अपने हाथों मे क्यूआरकोड लिया हुआ था,जिसके ज़रिए नमाज़ियो ने वक्फ संशोधन बिल-2024 के विरोध में काफी तादाद में अपनी राय जुम्मे की नमाज़ के बाद भेजकर अपना विरोध दर्ज कराया।
    विरोध दर्ज कराने में नौजवानो की संख्या ज़्यादा देखने को मिली।
    आपको बताते चले , दारुल उलूम और जमीयत के दोनों संगठनों ने विरोध जताया है। उलेमा ने बिल को असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और अन्याय पूर्ण बताते हुए भारतीय संविधान में प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया। केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में लाए गए वक्फ संशोधन कानून को भले ही मुस्लिम समाज के रोष को देखते हुए जेपीसी में भेज दिया गया हो , लेकिन अभी तक मुस्लिम समाज का रोष खत्म नहीं हुआ है।
    जेपीसी ने इस बिल के बारे में लोगों से अपनी अपनी राय मांगी है, जेपीसी को राय भेजने का आज 13 सितंबर को आखिरी दिन था,
    उपनगरी सराय तरीन मुहल्ला दरबार स्थित जामा मस्जिद के बाहर कुछ नमाज़ियो ने अपने हाथों मे क्यूआरकोड लिया हुआ था,जिसके ज़रिए नमाज़ियो ने वक्फ संशोधन बिल-2024 के विरोध में काफी तादाद में अपनी राय जुम्मे की नमाज़ के बाद भेजकर अपना विरोध दर्ज कराया।
    विरोध दर्ज कराने में नौजवानो की संख्या ज़्यादा देखने को मिली।

  2. आपको बताते चले , दारुल उलूम और जमीयत के दोनों संगठनों ने विरोध जताया है। उलेमा ने बिल को असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और अन्याय पूर्ण बताते हुए भारतीय संविधान में प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया। केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में लाए गए वक्फ संशोधन कानून को भले ही मुस्लिम समाज के रोष को देखते हुए जेपीसी में भेज दिया गया हो , लेकिन अभी तक मुस्लिम समाज का रोष खत्म नहीं हुआ है।
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