संभल उपनगरी सराय तरीन जामा मस्जिद दरबार में भी 27 वीं शब को नमाज़े तरावीह में कुरान मुकम्मल हुआ। शाही इमाम जामा मस्ज़िद सराय तरीन मुफ्ती मुहम्मद रियाज़ उल हक क़ासमी ने कुरान सुनाया व समाअत के फराइज़ क़ारी नफीस क़ासमी ने अदा किए।
इस मौके पर मुफ्ती मुहम्मद रियाज़ उल हक क़ासमी ने कहा कि कुरआन की तालीम पर अमल से ही अमन और खुशहाली आ सकती है। कुरआन की तालीम से ही दुनिया में फैली बुराईयां दूर होंगी। कहा कि तालीम के बिना कोई भी इंसान तरक्की नहीं कर सकता। हर मुसलमान का फ़र्ज़ है ।कि वह कुरान हदीस के मुताबिक जिंदगी गुज़ारे।हमारे प्यारे रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलैह वसल्लम ने फरमाया है कि जिसने कुरान पढ़ा और सीखा और उस पर अमल किया कयामत के दिन उसको ऐसा ताज पहनाया जाएगा। जिसकी रोशनी चांद के जैसी होगी। उसके मां और बाप को ऐसा लिबास पहनाया जाएगा ।जिसके मुकाबले में दुनिया की कोई हकीकत न होगी। कुरान के हाफ़िज़ के मां बाप कहेंगे कि हमें किस वजह से लिबास पहनाया गया है। तब उनसे कहा जाएगा कि ये तुम्हारे बच्चे के कुरान पढ़ने की वजह से है। हमारे प्यारे रसूल ने फरमाया है कि जिसने कुरान पढ़ा और उसको याद कर लिया और उसके हलाल को हलाल जाना और हराम को हराम समझा उसके घरवालों में से उन दस लोगों के बारे में अल्लाह ताला उसकी शफाअत कुबूल फरमाएगा। जिन पर जहन्नुम वाजिब हो चुकी थी। जब हाफ़िज़ ए कुरान दस गुनहगार रिश्तेदारों की शफाअत करेगा जिन पर जहन्नुम वाजिब हो चुकी है ।तो हमारे नबी मुस्तफा सल्ललाहो ताला अलैह वसल्लम की शफाअत का क्या आलम होगा।
उन्होंने कहा कि कुरान हाफ़िज़ दुनिया का बेहतरीन शख्स है। जो अल्लाह के कलाम को अपने सीने में महफूज़ रखता है।
वह लोग खुशनसीब हैं ,जिनको तरावीह में अल्लाह का कलाम सुनने के लिए मिला।
उन्होंने कहा कि तरावीह अभी खत्म नहीं हुई है। तरावीह में कलाम पाक सुनना अलग सुन्नत है और पूरे माह तरावीह पड़ना अलग सुन्नत है।कुरान और रमज़ान के रिश्ते को बयान करते हुए कहा कि पवित्र माह रमज़ान में ही कुरान पाक नाज़िल हुआ था। उन्होंने लोगों से अपने बच्चों को कुरान की तालीम दिलाने दिलाने की अपील की।
शाही इमाम जामा मस्ज़िद सराय तरीन मुफ्ती मुहम्मद रियाज़ उल हक क़ासमी ने कहा कि जो कुरान पर अमल करेगा वो दुनिया और आखिरत दोनों में कामयाब होगा।
कुरान को पढ़ना, समझना और उस पर अमल करना हर मुसलमान पर कुरान का हक़ है। कुरान की तालीम पर अमल करने से ही दुनिया में फैली बुराईयां खत्म होगी। उन्होंने लोगों से अपने बच्चों को कुरान पाक की तालीम दिलाने की अपील की। इसके बाद उलमा ने देश-दुनिया में अमन-चैन और खुशहाली की दुआ कराई। दुआं में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया